Ashtavargam
परिचय: अष्टवर्गम क्या है और क्यों है खास?
क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में अष्टवर्गम (Ashtavargam) को एक “रसायन” (Rejuvenator) माना जाता है? यह 8 विशेष जड़ी-बूटियों का समूह है जो शरीर को डिटॉक्स करने, ऊर्जा बढ़ाने और बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। अगर आप प्राकृतिक स्वास्थ्य समाधान ढूंढ रहे हैं, तो अष्टवर्गम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे:
- अष्टवर्गम क्या है और इसकी 8 जड़ी-बूटियाँ
- इसके आयुर्वेदिक फायदे
- घर पर कैसे इस्तेमाल करें?
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अष्टवर्गम की 8 जड़ी-बूटियाँ और उनके गुण
अष्टवर्गम संस्कृत के दो शब्दों “अष्ट” (आठ) और “वर्ग” (समूह) से मिलकर बना है। ये जड़ी-बूटियाँ हिमालय की तलहटी में पाई जाती हैं और आयुर्वेद में इन्हें “दिव्यौषधि” (Divine Herbs) कहा जाता है।
1. जीवक (Jivaka)
- गुण: पुरुषों में शक्ति और स्टैमिना बढ़ाता है।
- उपयोग: कमजोरी और थकान दूर करने के लिए।
2. ऋषभक (Rishabhaka)
- गुण: हड्डियों और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
- उपयोग: आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में।
3. मेदा (Meda)
- गुण: दिमागी शांति और याददाश्त बढ़ाता है।
- उपयोग: तनाव और मानसिक थकान में।
4. महामेदा (Mahameda)
- गुण: मोटापा कम करने में मददगार।
- उपयोग: वजन घटाने के लिए।
5. काकोली (Kakoli)
- गुण: हृदय को स्वस्थ रखता है।
- उपयोग: कोलेस्ट्रॉल कम करने में।
6. क्षीरकाकोली (Kshirakakoli)
- गुण: शरीर को ऊर्जा देता है।
- उपयोग: कमजोरी और एनीमिया में।
7. मुद्गपर्णी (Mudgaparni)
- गुण: पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है।
- उपयोग: गैस और एसिडिटी में।
8. माषपर्णी (Mashaparni)
- गुण: इम्यूनिटी बढ़ाता है।
- उपयोग: बार-बार होने वाले संक्रमण में।
अष्टवर्गम के फायदे: आयुर्वेदिक उपचार की शक्ति
1. शारीरिक स्वास्थ्य के लिए
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- पुराने दर्द (जोड़ों, कमर) में आराम देता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
2. मानसिक स्वास्थ्य के लिए
- तनाव, चिंता और नींद की समस्या दूर करता है।
- याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाता है।
Video Credits
3. हार्मोनल संतुलन के लिए
- पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करता है।
- थायरॉइड जैसी समस्याओं में फायदेमंद।
अष्टवर्गम का उपयोग कैसे करें? (घरेलू नुस्खे)
अष्टवर्गम को चूर्ण, काढ़ा या घृत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यहाँ कुछ आसान तरीके दिए गए हैं:
1. अष्टवर्गम चूर्ण
- सामग्री: 1-2 ग्राम अष्टवर्गम चूर्ण, शहद या गुनगुना पानी।
- विधि: सुबह खाली पेट लें।
- फायदे: ऊर्जा बढ़ाता है और इम्यूनिटी सुधारता है।
2. अष्टवर्गम काढ़ा
- सामग्री: अष्टवर्गम की जड़ी-बूटियाँ, पानी।
- विधि: जड़ी-बूटियों को पानी में उबालकर छान लें। दिन में एक बार पिएं।
- फायदे: पाचन और मानसिक शांति के लिए अच्छा।
3. अष्टवर्गम घृत
- सामग्री: अष्टवर्गम घृत, गुनगुना दूध।
- विधि: रात को सोने से पहले दूध के साथ लें।
- फायदे: नींद और हड्डियों के लिए फायदेमंद।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या अष्टवर्गम सभी के लिए सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन गर्भवती महिलाओं और बच्चों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
2. अष्टवर्गम कहाँ से खरीदें?
यह आयुर्वेदिक स्टोर्स या विश्वसनीय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मिलता है।
3. क्या यह दवाओं के साथ ले सकते हैं?
अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष: अष्टवर्गम को अपनाएँ, प्राकृतिक स्वास्थ्य पाएँ!
अष्टवर्गम आयुर्वेद का एक अनमोल खजाना है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के स्वास्थ्य सुधारने में मदद करता है। अगर आप प्राकृतिक उपचार के तरीके ढूंढ रहे हैं, तो इसे अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।
क्या आपने कभी अष्टवर्गम का उपयोग किया है? अपने अनुभव कमेंट में शेयर करें!
Discover more from Dr.Milind | संपूर्ण आरोग्य संबंधित ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.