अमृतारिष्टम : AMRITHARISHTAM
अमृतारिष्टम क्या है?
अमृतारिष्टम एक आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्य रूप से गुडूची (Tinospora cordifolia) यानी गिलोय से बनाई जाती है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह दवा वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करती है, जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

अमृतारिष्टम के मुख्य घटक और उनके फायदे
अमृतारिष्टम में कई प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ शामिल होती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- गुडूची (Giloy): यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बुखार, संक्रमण और पाचन समस्याओं को दूर करती है।
- हरीतकी (Terminalia chebula): पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार।
- अदरक (Ginger): पाचन को बेहतर करने और सूजन को कम करने में सहायक।
- गुड़ (Jaggery): यह अमृतारिष्टम का प्राकृतिक मीठा घटक है, जो ऊर्जा प्रदान करता है।
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अमृतारिष्टम के फायदे
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं: गुडूची के गुणों के कारण यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाएं: यह पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे भोजन आसानी से पचता है।
- थकान और कमजोरी दूर करें: अमृतारिष्टम शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और थकान को दूर करता है।
- त्वचा स्वास्थ्य: शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
- बुखार और संक्रमण से लड़े: गुडूची के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों के कारण यह बुखार और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
अमृतारिष्टम का उपयोग कैसे करें?
- सही मात्रा: आमतौर पर, अमृतारिष्टम को 15-20 मिलीलीटर की मात्रा में लिया जाता है। इसे समान मात्रा में पानी के साथ मिलाकर लें।
- सही समय: इसे भोजन के बाद लेना सबसे अच्छा होता है।
- नियमित उपयोग: बेहतर परिणाम के लिए इसे नियमित रूप से लें, लेकिन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
आयुर्वेदिक सिद्धांत और अमृतारिष्टम
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का स्वास्थ्य वात, पित्त और कफ तीन दोषों के संतुलन पर निर्भर करता है। अमृतारिष्टम इन तीनों दोषों को संतुलित करता है, जिससे शरीर का समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह दवा शरीर की अग्नि (पाचन अग्नि) को बढ़ाती है, जिससे भोजन का पूर्ण पाचन होता है और शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते हैं।
आहार और जीवनशैली में बदलाव
- संतुलित आहार: ताजे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम: योग और प्राणायाम को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
- पर्याप्त पानी: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
- तनाव प्रबंधन: ध्यान और मेडिटेशन के जरिए तनाव को कम करें।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. क्या अमृतारिष्टम सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है?
हां, अमृतारिष्टम सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसे लेने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
2. अमृतारिष्टम का सेवन कितने दिन तक करना चाहिए?
इसे 4-6 सप्ताह तक नियमित रूप से लिया जा सकता है, लेकिन व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर चिकित्सक से सलाह लेना बेहतर होता है।
3. क्या अमृतारिष्टम वजन घटाने में मदद करता है?
हां, यह चयापचय को बेहतर बनाकर वजन घटाने में सहायक होता है, लेकिन संतुलित आहार और व्यायाम के साथ ही इसे प्रभावी बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
अमृतारिष्टम एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है, जो न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है बल्कि पाचन तंत्र और प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। अगर आप प्राकृतिक तरीके से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो अमृतारिष्टम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हालांकि, किसी भी नए उपचार को शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
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